तिलक करने का विधान - ब्राह्मण - मन्दिर

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तिलक करने का विधान

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अंगुष्ठ - दाहिने हाथ के अंगूठे से अतिथि को तिलक किया जाता है।
तर्जनी - दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली से पितृगणों को अर्थात् पिण्ड को तिलक किया जाता है।
मध्यमा - दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली से स्वयं तिलक धारण किया जाता है।
अनामिका - दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से भगवान व देवों को तिलक किया जाता है।

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